उत्तराखंड की राजनीति में सत्ता के गलियारों से लेकर आम जनता तक, सरकारी बंगलों को लेकर कई तरह की धारणाएं प्रचलित हैं। खासकर कुछ बंगलों को ‘अशुभ’ माना जाता है, जहां रहने वाले मंत्री या मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाते। हाल ही में वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद एक बार फिर ये चर्चा तेज हो गई है।
देहरादून की यमुना कॉलोनी में स्थित सरकारी बंगला आर-2 को लेकर ये धारणा गहरी हो चुकी है कि इसमें रहने वाले मंत्री को अपना पद गंवाना पड़ता है। प्रेम चंद अग्रवाल से पहले, इस बंगले में रहने वाले एक और मंत्री भी अपने कार्यकाल को पूरा नहीं कर पाए। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री आवास को लेकर भी ऐसा ही अंधविश्वास लंबे वक्त से चला आ रहा है कि यहां रहने वाला मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता है।