हल्द्वानी: अगर आप भी रोजगार ढूंढ रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है बता दें कि मुख्य विकास अधिकारी नैनीताल अशोक कुमार ने बताया कि भारतीय सुरक्षा दक्षता परिषद नई दिल्ली और एसआईएस इंडिया लिमिटेड के संयुक्त तत्वाधान में ब्लॉक स्तर पर दिनांक 21 अप्रैल 2025 से नैनीताल जनपद के सभी ब्लॉकों में सुरक्षा सैनिक और सुपरवाइजर के पदों पर भर्ती के लिए शिविर आयोजन होने जा रहा है।
सुरक्षा सैनिक और सुपरवाइजर की भर्ती:
एसआईएस के भर्ती अधिकारी अशप्रीत सिंह ने बताया भारतीय संविधान के पसारा एक्ट 2005 (निजी सुरक्षा एजेंसी अधिनियम, 2005) के अनुसार एसआईएस इंडिया लिमिटेड देश की बहुराष्ट्रीय कंपनी है। कंपनी भारत के अतिरिक्त विदेशों में भी सरकारी/गैर सरकारी संस्थानों में सुरक्षा प्रदान करती है इसी कंपनी में उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए शिविर के आयोजन किया जा रहा है। इच्छुक अभ्यर्थी आयोजित भर्ती शिविर में हिस्सा ले सकते हैं।
इन तारीखों में होंगी भर्ती: भर्ती शिविर का आयोजन कई ब्लॉकों में होगा।
21-22 अप्रैल, 2025 को ब्लॉक रामनगर में
23-24 अप्रैल को कोटाबाग ब्लॉक में
25-26 अप्रैल को हल्द्वानी ब्लॉक में
28-29 अप्रैल को भीमताल ब्लॉक में
30 अप्रैल और 01 मई को बेतालघाट ब्लॉक में
02 और 03 मई को रामगढ़ ब्लॉक में
05-06 मई को धारी ब्लॉक में
07-08 मई को ओखलकाण्डा ब्लॉक में
200 सुरक्षा सैनिक और 50 सुपरवाइजर के हैं पद:
इस तरह नैनीताल जिले के 8 ब्लॉकों में अलग-अलग डेट में भर्ती शिविरों का आयोजन किया जाएगा। भर्ती के तहत 200 सुरक्षा सैनिकों की चुना जाएगा। 50 सुरक्षा सुपरवाइजर की नियुक्ति भी होनी है। भर्ती शिविर में आने वाले अभ्यर्थियों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए अभ्यर्थियों को 350 रुपए का शुल्क देना होगा
इन पदों के लिए अनिवार्य योग्यता:
भारतीय सुरक्षा दक्षता परिषद नई दिल्ली और एसआईएस इंडिया लिमिटेड के संयुक्त तत्वाधान में ब्लॉक स्तर पर होने जा रही इस भर्ती के लिए अनिवार्य योग्यताएं इस प्रकार हैं-
सुरक्षा सैनिक- न्यूनतम 10वीं पास/दसवीं फेल. सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है, लंबाई- 168 सेमी, आयु- 19 से 40 वर्ष.
सुपरवाइजर – न्यूनतम 12वीं पास, लंबाई- 170 सेमी, आयु- 21 से 40 वर्ष.
इतना होगा वेतन: सुरक्षा सैनिक का वेतन प्रति माह 14 हजार से 27 हजार रुपए तक रहेगा. सुरक्षा सुपरवाइजर की तनख्वाह 18 हजार से लेकर 30 हजार तक रहेगी. जॉब करने वाले कर्मचारियों को उत्तराखंड के साथ-साथ दूसरे राज्यों में भी नौकरी करनी होगी. अलग-अलग राज्यों और स्थानों के अनुसार अलग-अलग वेतनमान होगा. कुछ जगहों पर खाने और रहने की भी मुफ्त सुविधा होगी