नगर निकायों के अंतर्गत आने वाली सड़कों और सार्वजनिक स्थानों के नाम बदलने के लिए अब राज्य सरकार की पूर्व अनुमति लेनी होगी। गुरुवार शाम जारी एक आधिकारिक बयान में राज्य सरकार ने ये जानकारी दी।

शहरी विकास विभाग के अतिरिक्त सचिव गौरव कुमार ने सभी नगर आयुक्तों और नगर परिषदों तथा नगर पंचायतों के कार्यकारी अधिकारियों को भेजे पत्र में निर्देश को स्पष्ट किया है। पत्र में कहा गया है कि कुछ स्थानीय निकाय राज्य से आवश्यक मंजूरी लिए बिना सड़कों और सार्वजनिक स्थानों के नाम बदल रहे हैं। निर्देश में जोर दिया गया है कि स्थानीय निकायों द्वारा सड़कों और सार्वजनिक स्थानों के नाम बदलने से संबंधित प्रस्तावों को पहले सरकार से मंजूरी लेनी होगी। नाम बदलने की प्रक्रिया ऐसी अनुमति प्राप्त करने के बाद ही शुरू की जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 31 मार्च को राज्य भर में 15 स्थानों के नाम बदलने की घोषणा की थी। इसमें हरिद्वार के आठ, देहरादून के चार, नैनीताल के दो और उधम सिंह नगर में एक शामिल था। उस समय धामी ने कहा था, “विभिन्न स्थानों का नाम बदलने का काम जनता की भावनाओं के अनुरूप और भारतीय संस्कृति और विरासत को दर्शाने के लिए किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य उन महान व्यक्तियों की याद के जरिए लोगों को प्रेरित करना है जिन्होंने हमारी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन में योगदान दिया है।”

धामी के निर्देश पर सचिवों का ग्राम भ्रमण जारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सचिवों द्वारा गांवों का नियमित ग्राम भ्रमण जारी है। इसी के तहत अपर सचिव परिवहन, सतर्कता, नियोजन एवं कार्मिक, रीना जोशी द्वारा रामनगर एवं हल्द्वानी के गुजरौड़ा और फतेहपुर गांवों का निरीक्षण कर आम जनता से मुलाकात की गई और उनकी समस्याएं सुनीं।

 

error: Content is protected !!