कांग्रेस ने उत्तराखंड में डबल इंजन सरकार को पूरी तरह से विफल ठहराया। कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने केंद्र सरकार के 11 साल और राज्य सरकार के आठ साल के कार्यकाल पर सवाल उठाए।

कहा कि भाजपा नेता केंद्र सरकार के 11 साल के कार्यकाल को सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण को समर्पित बता रहे हैं। कहा कि केंद्र सरकार के 11 सालों का लेखा-जोखा देने से पहले प्रदेश की भाजपा सरकार को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। उत्तराखंड में भाजपा की डबल इंजन सरकार को सत्ता में आए आठ वर्ष पूरे हो चुके हैं।

प्रचंड बहुमत की सरकार होने के बावजूद सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाई है। कहा कि इन आठ सालों के शुरुआत पांच सालों में भाजपा ने राज्य को अस्थिरता का माहौल दिया। बार बार सीएम बदल कर विकास कार्यों को बाधित किया। इन सालों में एक के बाद एक घपले, घोटाले होते रहे। इन आठ सालों में सिर्फ रिवर्स पलायन की बात हुई। जबकि हकीकत ये है कि आज भी राज्य में चार हजार से अधिक गांव वीरान हैं। रोजगार और मूलभूत सुविधाओं के अभाव में लोग गांव छोड़ने को मजबूर हैं। स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। पर्यावरण असंतुलन के कारण जोशीमठ जैसी आपदा हुई। महिला अपराधों में इजाफा हुआ। सिर्फ विकास कार्यों का प्रचार हो रहा है। सरकार का ध्यान सिर्फ सांप्रदायिक तुष्टिकरण और ध्रुवीकरण पर केंद्रित है। थूक जेहाद, लैंड जेहाद, लव जिहाद, धर्मांतरण कानून, बुलडोजर पॉलिटिक्स और यूसीसी पर ही सरकार सीमित है। सशक्त भू कानून, मूल निवास और गैरसैंण राजधानी पर सरकार खामोश है।

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