पूरे देश की नजर इस समय केरल वायनाड पर टिकी है जो की भीषण त्रासदी का सामना कर रहा है बीते 30 जुलाई को मेप्पाड़ी के पास विभिन्न पहाड़ी इलाकों पर आए भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई। इस प्राकृतिक आपदा के कारण लगभग 300 से ऊपर लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सैकड़ो घायल है। यह तस्वीर डरावनी है और लोगों के लिए सबक भी है। खासकर की उत्तराखंड राज्य के लिए भी जो हर साल प्राकृतिक आपदाओं की जद में है। इस बार भी 31 जुलाई को केदार घाटी और टिहरी प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गए। जहां रेस्क्यू अभियान अभी भी जारी है ।

भारी बारिश और भूस्खलन से बिगड़े हालात अभी उभरे नहीं है। वहीं सोमवार से हो रही लगातार भारी बारिश ने एक बार फिर तबाही की आहट दे दी है। पहाड़ से लेकर मैदान तक आकाशीय बिजली की गड़गड़ाहट के साथ झमाझम बारिश हुई। इससे मैदानी इलाकों में उमस से राहत तो मिली लेकिन पहाड़ी व संवेदनशील क्षेत्रों में हालात भयानक और डरावने होने के संकेत है । कहीं पहाड़ दरक रहे तो कहीं चट्टान।  कहीं नदिया कुछ बहा ले जा रही तो कहीं भूस्खलन ।

सड़कों की स्थिति तो बेहद खतरनाक है प्रदेश में हर रोज सड़के अवरुद्ध हो रही है तो वही मौसम विभाग ने 9 अगस्त तक पूरे प्रदेश में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।  गर्जना के साथ आकाशीय बिजली चमकने की भी संभावनाएं हैं।

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