ऊर्जा के उपनल कर्मचारियों को नियमित किए जाने की मांग तेज हो गई है। उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को ज्ञापन सौंप नियमितीकरण नियमावली में उपनल कर्मचारियों को भी शामिल किए जाने की मांग की।

वहीं सचिवालय में मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंप मोर्चा पदाधिकारियों ने कहा कि नियमितीकरण पर पहला हक मौजूदा समय में उपनल कर्मचारियों का है। संयोजक इंसारुल हक ने कहा कि उत्तराखंड में 2003 से संविदा नियुक्ति पर रोक लगी है। कार्मिक विभाग की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि संविदा पर सिर्फ उपनल से ही कर्मचारियों को रखा जाए। इसके बाद राज्य के विभागों में उपनल से ही कर्मचारियों को संविदा पर नियुक्त किया गया।

संयोजक विनोद कवि ने कहा कि कार्मिक विभाग के स्तर से नियमितीकरण नियमावली में उपनल कर्मचारियों को शामिल किया जाए। नियमावली तैयार करते समय हाईकोर्ट के स्तर पर उपनल कर्मचारियों को नियमित किए जाने और समान काम का समान वेतन दिए जाने के आदेश का भी ध्यान रखा जाए। जब तक कर्मचारियों को नियमित नहीं किया जाता, उन्हें समान काम का समान वेतन देने की सुविधा दी जाए। महंगाई भत्ता तत्काल बहाल किया जाए। उन्हें कैशलेश इलाज की भी सुविधा दी जाए। क्योंकि ईएसआई की सुविधा से बड़ी संख्या में उपनल कर्मचारी बाहर हो गए हैं।

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