42 साल राह देखती रहीं पत्नी ..। वह साल में एक बार घर आते थे, अक्सर पत्रों से ही हाल पता लगता था। एक बार एक टेलीग्राम आया जिसमें अंग्रेजी में विमान के लापता होने और उसमें नारायण सिंह के लापता होने की बात लिखी थी। उसके बाद परिवारजन इंतजार करते रहे, लेकिन कोई खबर नहीं आई। पत्नी जब तक जिंदा थी नारायण सिंह का इंतजार करती रहीं। वर्ष 2011 में बसंती देवी की मृत्यु हो गई।
उत्तराखंड के चमोली से मन को भावुक कर देने वाली ख़बर सामने आई है। बता दें कि सेना में तैनात सैनिक नारायण सिंह का पार्थिव देह 56 साल बाद अपने घर पहुंचेगा। नारायण सिंह AMC मेडिकल कोर में तैनात थे। 1968 में हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे में वायुसेना के एएन-12 विमान दुर्घटनाग्रस्त होने पर लापता हो गए थे। वहीं 56 साल बाद जिन चार सैनिकों के अवशेष मिले हैं उनमें एक कोलपुड़ी गांव के नारायण सिंह का शव भी शामिल है।
सेना के अधिकारियों से मिली सूचना के अनुसार जेब में मिले पर्स में एक कागज में नारायण सिंह ग्राम कोलपुड़ी और बसंती देवी नाम दर्ज था। साथ ही उनकी वर्दी के नेम प्लेट पर भी उनका नाम लिखा था।
बता दें कि बर्फ में शव सुरक्षित था लेकिन शव को बर्फ से बाहर निकालने के बाद गलने लगा है।जिससे उसे सुरक्षित किया जा रहा है। साथ ही उनका डीएनए सैंपल लिया जा रहा है। वहीं उनका पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार तक गांव पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।