हल्द्वानी: बृहस्पतिवार को हुए साइबर हमले के प्रभाव से उत्तराखंड राज्य को सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) अभी बाहर नहीं निकल पाई। राज्य में तीन दिनों से लोगों को जरूरी सूचनाएं नहीं मिल पा रही हैं।
शनिवार को भी तहसील से स्थायी निवासी प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र आदि जारी नहीं हो सके। वहीं पुलिस को भी ऑफलाइन ही मुकदमे दर्ज करने पड़े।
साइबर हमला का प्रभाव इसी से समझा सकता है कि राज्य और केंद्र की एजेंसियां मिलकर भी अभी तक डाटा सेंटर रिकवर नहीं कर पाई हैं। शनिवार को राशन कार्ड बनवाने के लिए एआरओ कार्यालय, स्थायी, जाति आदि के प्रमाण पत्र के लिए तहसील व सीएससी सेंटर पहुंचे लोगों को मायूस होना पड़ा। बिजली और पानी के बिल भी सीएससी सेंटर पर जमा नहीं हो पा रहे हैं। रेता-बजरी का कारोबार भी ठप पड़ा है। इस वजह से मकान के निर्माण कार्य भी बंद होने लगे हैं। सड़क के लिए रेता-बजरी नहीं मिल पा रही है। हॉटमिक्स प्लांटों को भी बजरी नहीं मिल पा रही है। इस कारण डामरीकरण का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। अगर दो दिन और यह स्थिति रही तो सभी निर्माण कार्य ठप हो जाएंगे।
अपणि सरकार वेबसाइट न चलने से यूजर को कोई सुविधा नहीं मिल पाई। सीएम हेल्पलाइन बंद होने से शिकायतें भी दर्ज नहीं हो पा रही हैं। राज्य लोक सेवा आयोग की वेबसाइट बंद होने से भर्तियों की प्रक्रिया भी ठप हो गई है। आयुष्मान योजना से मरीजों को इलाज की पूर्वानुमति प्रभावित हुई, इसे मैन्युअल ही करना पड़ा। उधर पैनकार्ड बनाने वाली यूटीआई वेबसाइट भी बंद चल रही है।