उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मानव तस्करी का मामला सामने आया है। हैरानी की बात है कि दिल्ली से उत्तराखंड में तीन नाबालिग लड़कियों को बेचने के लिए लाया गया था। पुलिस ने महिला समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।देहरादून के पथरीबाग क्षेत्र से मानव तस्कर गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है।

जबकि, दिल्ली से बेचने के लिए देहरादून लाई गईं तीन नाबालिग किशोरियां भी सकुशल बरामद की गई हैं। पुलिस को गिरोह के तार अन्य राज्यों से जुड़े होने की भी जानकारी मिली है। इस पर दून से पुलिस टीमें रवाना कर दी गई हैं। पकड़े गए आरोपी नाबालिगों को 11 लाख रुपये में बेचने की फिराक में थे।

पटेलनगर थानाध्यक्ष केके लुंठी ने बताया कि बुधवार को आईएसबीटी चौकी को सूचना मिली की तीन नाबालिग किशोरी आइएसबीटी क्षेत्र में संदिग्ध परिस्थितयों में घूम रही हैं। इस पर तीनों किशोरियों को चौकी में लाकर पूछताछ की गई। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और चाइल्ड लाइन की टीम को भी बुलाया गया। नाबालिग किशोरियों ने बताया कि दिल्ली से कुछ लोग उन्हें देहरादून में नौकरी व पैसा दिलाने के नाम पर अपने साथ ले आए थे। उन्हें देहरादून में एक फ्लैट में ठहराया गया, जहां एक महिला व एक पुरुष को उन्हें सौंप दिया गया। रात में तीनों किशोरियों ने महिला और पुरुष को उन्हें 11 लाख रुपये में बेचने की बात करते सुना। घर में पहले से मौजूद एक युवती ने उन्हें बेचकर गलत काम करवाने की बात कही। इस पर वह घबरा गईं और चादर के सहारे बालकनी से कूदकर भाग निकलीं।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने तत्काल आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए। इस पर पुलिस ने किशोरियों के साथ पथरीबाग के पास वेद सिटी कालोनी स्थित एक फ्लैट में दबिश दी। घर में मौजूद स्थानीय निवासी तलाकशुदा महिला बाला और अमरोहा उत्तर प्रदेश का रहने वाले दिग्विजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ पर आरोपितों ने बताया कि नाबालिग किशोरियों को वह गाजियाबाद में रहने वाले अपने साथी पूनम और खुशी से खरीदकर लाए थे। वे उन्हें दून में बेचने की फिराक में थे। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में भी दबिश दे रही है।

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