एक चुनाव खत्म होता है तो दूसरा चुनाव शुरू हो जाता है। जिसको लेकर सभी पार्टी के नेता राजनेता तैयारियों में जुट जाते हैं। क्या करे सत्ता की भूख है ही ऐसी। जिसकी भूख रोटी की भूख से कही ज्यादा होती है।
बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में हुई कांग्रेस की जीत के बाद कांग्रेस पार्टी का खोया हुआ आत्मविश्वास जाग उठा है। विधानसभा उपचुनाव में हुई जीत से कांग्रेस को आगामी निकाय चुनाव के लिए संजीवनी मिल गई है। जहा एक तरफ उपचुनाव में हुई जीत के बाद कांग्रेस पार्टी आगामी निकाय चुनावों की तैयारियों में जुट गई है तो वही दूसरी तरफ भाजपा की विधानसभा उपचुनाव में हुई हार और लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद पहली बार कार्यसमीक्षा बैठक कर रही है जिसमें भाजपा उपचुनाव में मिली हार और आगामी निकाय चुनाव की रणनीति पर मंथन कर रही। उपचुनाव में हुई जीत पर कांग्रेस पार्टी का कहना है कि जनता भाजपा सरकार से तंग आ चुकी है जनता बदलाव चाहती है और यही वजह है कि इस बार उपचुनाव में जनता ने भरोसा कांग्रेस पार्टी पर जताया है तो वही भाजपा का अपनी हार पर कहना है कि भाजपा हारी जरूर है लेकिन हमारा वोट प्रतिशत बड़ा है।
आपको बता दें कि प्रदेश में आने वाले समय में शहरी निकायों के चुनाव होने वाले हैं। जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता तैयारियों में जुट गए हैं। उपचुनाव में हुई जीत से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश और उत्साह दोनों बड़ा है। बता दें कि वर्ष 2017 — 2022 तक प्रदेश में पिथौरागढ़, थराली, सल्ट, बागेश्वर व चंपावत में विधानसभा उपचुनाव हुए। जिसमें सत्ताधारी भाजपा ने जीत हासिल की। वहीं कांग्रेस की करारी हार हुई।
वहीं प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि उपचुनाव की जीत से कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है। आगामी निकाय चुनाव को भी कार्यकर्ता पूरी मेहनत से लड़ेंगे।