प्रदेश में लगातार चुनाव जारी है। लेकिन बात करे निकाय चुनाव की तो पिछले कई महीनों से निकाय चुनाव रुका हुआ है।  प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर असमंजस बरकरार है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल सितंबर, अक्टूबर में निकाय चुनाव हो सकते है। जिसको लेकर विपक्षीय पार्टी लगातार राज्य सरकार पर आरोप लगा रही है कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव कराने से बच रही हैं। भारतीय जनता पार्टी की मनसा चुनाव कराने को लेकर नही है और यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव को टालने के तमाम रास्ते ढूंढ रही है। तो वही निकाय चुनाव को लेकर खबर है कि मानसून के बाद निकाय चुनाव किए जायेंगे।

बता दें कि दो विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव खत्म हो चुका है। निकाय चुनाव कराने में आठ महीने पीछे राज्य सरकार चल रही है। निकाय चुनाव के ठीक बाद पंचायत चुनाव होने हैं और केदारनाथ विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है।

उत्तराखंड में 6 महीने बीत जाने के बाद भी निकाय में पर्यवेक्षक तैनात हैं। नियम के अनुसार सिर्फ 6 महीने तक ही पर्यवेक्षक तैनात हो सकते है।जबकि विपक्षीय पार्टी लगातार राज्य सरकार से निकाय चुनाव की मांग कर रही है। लेकिन सरकार की तरफ से निकाय चुनाव को लेकर कोई भी बात नही की जा रही है। बता दें कि राज्य सरकार अभी ओबीसी के आरक्षण तय नही कर पाई है। ओबीसी का आरक्षण तय होने के बाद ही इसका नोटिफिकेशन जारी होगा। उसके बाद ही प्रदेश मे एक बार फिर से चुनाव की सुगबुगाहट शुरू होगी। देखा जाए तो  2024  चुनावी साल सबित रहा।

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