बड़े बड़े दावों के बीच एक बार फिर सरकार की पोल खुलती नज़र आईं हैं बता दें कि उत्तराखंड के चंपावत मंच में तल्लादेश के बकोड़ा ग्राम पंचायत में एक बीमार को लोगों को डंडे में बांधकर अस्पताल तक लाना पड़ा। 10 नौजवानों को मरीज को अस्पताल पहुंचाने में चार घंटे से अधिक समय लगा। एक तरफ दीपावली का पर्व की तैयारियां घरों चल रही थी तो दूसरी ओर बीमार को अस्पताल पहुंचाना भी जरूरी हो गया।
बकोड़ा में बृहस्पतिवार शाम करीब पांच बजे तेज सिंह (50) पुत्र भवान सिंह को अचानक पेट में दर्द उठा। स्वास्थ्य सुविधा और रोड नहीं होने से घर वालों ने पड़ोसियों से मदद की गुहार लगाई और 10 नौजवानों को बुलाया। एक डंडे में मरीज को बांधकर खड़ी चढ़ाई और पथरीले रास्तों को पार कर मरीज को जैसे तैसे मुख्य मार्ग तक लाए। फिर 108 वाहन की मदद से जिला मुख्यालय तक इलाज के लिए पहुंचाया। बल्लू, मोहित सिंह, सुंदर सिंह, विनोद सिंह, संदीप, शेखर, कुंदन, नरेंद्र आदि मरीज को 15 किमी पैदल डोली के सहारे मंच तक लाए।
10 लोगों को मरीज को लाने में चार घंटे से अधिक का समय लग गया। त्योहार में बाहर से जवान घर नहीं लौटे होते तो इलाज के लिए अस्पताल ले जाना मुश्किल होता। डॉ. दीपेंद्र ने इलाज के बाद उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया। उन्होंने बताया कि मरीज की आंत में छेद है। उनका समय पर ऑपरेशन जरूरी है।
लोगों का अब सरकार से विश्वास उठ गया है। रोड नहीं होने के कारण लोग पलायन करने को मजबूर हैं। ग्रामीणों के दर्द को समझने वाला कोई नहीं है।
महेंद्र रावत, प्रधान ग्राम पंचायत बकोड़ा।
त्योहार में लोग अपने-अपने घर आए हैं। उनकी मदद से मरीज को मंच तक पहुंचाया गया। कई बार सीएम और अन्य विभागों को सड़क को लेकर ज्ञापन दिया, लेकिन कार्यवाही नहीं हुई।
– दिनेश बोहरा, बीडीसी, मंच।