देहरादून में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर जिला प्रशासन की सख्ती का असर नजर आने लगा है। कुछ स्कूलों ने फीस बढ़ोतरी में कटौती भी शुरू कर दी है। हालांकि, डीएम सविन बंसल ने निजी स्कूलों को फीस के अलावा कॉपियों पर स्कूल का नाम और लोगो का चलन खत्म करने की हिदायत दी है।
उन्होंने कहा है कि आगे इस तरह से नहीं चलना चाहिए, सभी स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा। साथ ही, तीन साल में 10 फीसदी से अधिक फीस वृद्धि नहीं होनी चाहिए।
सख्ती के बीच अभी कई बड़े निजी स्कूल प्रशासन के राडार पर हैं। डीएम ने कहा कि शिक्षा में मनमानी नहीं चलेगी और प्रशासन ऐसे स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। उन्होंने बताया कि चार बड़े पुस्तक भंडारों के खिलाफ पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है। साथ ही, मनमानी फीस के मामले में स्कूलों की मान्यता के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। इस मामले में डीएम के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने निजी स्कूलों के साथ बैठक की थी।
सख्त निर्देश दिए गए थे कि वे किसी सूरत में तीन साल में 10 फीसदी की बढ़ोतरी नहीं करें। पाठ्य-पुस्तकें बाजार में किसी भी विक्रेता के पास आसानी से कम मूल्य पर उपलब्ध हों। साथ ही, कॉपियों पर स्कूल के नाम के मुद्रण का चलन भी समाप्त किया जाए। कई स्कूल आरटीई के तहत मान्यता नहीं ले रहे हैं। इन स्कूलों ने सोसायटी परिवर्तन करते हुए आरटीई की मान्यता से किनारा कर लिया। डीएम ने ऐसे सभी स्कूलों को पैतृक सोसायटी परिवर्तन के साथ एक महीने के भीतर मान्यता के लिए आवेदन के निर्देश दिए हैं।
एनएसयूआई ने किया निदेशालय में प्रदर्शन
एनएसयूआई ने ननूरखेड़ा स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में प्रदर्शन किया। उन्होंने निदेशक को ज्ञापन सौंपकर निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने की मांग उठाई। एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी ने आरोप लगाया कि निजी स्कूल नियमों का उल्लंघन करते हुए हर साल फीस बढ़ा रहे हैं। जबकि, शिक्षा विभाग ही प्राइवेट पब्लिशर की बुक लगाने के लिए पत्र जारी कर रहा है।
शिक्षण संस्थाओं पर अंकुश लगाया जाए
श्री राम कृष्ण धर्मार्थ सेवा न्यास ने निजी शिक्षण संस्थानों की मनमानी को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन के संदर्भ में संरक्षक मुकेश आनंद, अध्यक्ष रोहित मौर्य, सचिव मार्तंड पंत और कोषाध्यक्ष समर गुप्ता ने बताया कि उनकी संस्था सामाजिक क्षेत्र में सुधार के लिए काम कर रही है। कुछ शिक्षण संस्थाएं फीस बढ़ा अभिभावकों पर आर्थिक बोझ डालने काम कर रही हैं।
कांग्रेस नेता को जबरन धरने से उठाया
निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ जिलाधिकारी कार्यालय में शुक्रवार को धरना देने पहुंचे कांग्रेस प्रवक्ता पंकज छेत्री को पुलिस ने जबरन उठा दिया। वह फीस वृद्धि के साथ ही किताबों को लेकर चल रहे सिंडिकेड के खिलाफ आवाज उठाने के लिए पंकज जिलाधिकारी कार्यालय पर धरने पर बैठे ही थे कि तभी पुलिस बुला ली गई और उन्हें यहां से जबरन उठाकर एक का बिहार स्थित धरना स्थल भेज दिया गया पंकज छेत्री ने कहा कि वह कार्यक्रम के तहत शनिवार को भी धरने पर बैठे रहेंगे।
अभिभावकों को वेबसाइट पर दें पूरी जानकारी
सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने स्कूल की ड्रेस की जानकारी अपनी वेबसाइट पर दें, ताकि खुले बाजार में इनको आसानी से उपलब्ध कराया जा सके। स्कूल ड्रेस पर प्रकाशित होने वाले लोगो का भी व्यापक प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें।
शहर के दो और प्राइवेट स्कूलों को चेतावनी
ऐन मैरी स्कूल ने जहां डीएम के निर्देश के बाद फीस में कटौती की है। वहीं, सेंट जोसेफ स्कूल और समर वैली को भी फीस वृद्धि पर चेतावनी दी गई है। समर वैली को कक्षा-9 में प्रस्तावित शुल्क वृद्धि को सीमित करते हुए वर्तमान सत्र में 6 प्रतिशत से अधिक नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। सेंट जोसेफ स्कूल को निर्देशित किया गया है कि वो तीन वर्ष में अधिकतम 10 प्रतिशत से अधिक शुल्क वृद्धि नहीं करेंगे।
शिक्षा विभाग से लेना होगा अब अनुमोदन
जिलाधिकारी सविन बंसल ने सभी निजी स्कूलों के लिए यह बाध्य किया है कि वे प्रत्येक शैक्षिक सत्र में शुल्क वृद्धि के प्रस्ताव मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत करें। इस प्रस्ताव पर शिक्षा विभाग के अनुमोदन के बाद ही स्कूल में इसे लागू किया जाएगा। इससे अभिभावकों राहत मिलेगी।
स्कूल ने फीस वृद्धि वापस ली, दस प्रतिशत ही बढ़ेगी
देहरादून में काफी दिनों से फीस बढ़ोत्तरी को लेकर एन मैरी स्कूल और अभिभावकों के बीच चल रहा विवाद खत्म हो गया। डीएम सविन बंसल के निर्देश के बाद शुक्रवार को स्कूल की ओर फीस बढ़ोतरी में कटौती करते हुए उसे दस प्रतिशत कर दिया है, जो कि पहले 24 प्रतिशत तक कर दी गई थी।
स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. प्रीति सक्सेना ने मुख्य शिक्षा अधिकारी वीके ढौडियाल को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी है। कहा गया कि स्कूल के खिलाफ भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही थी। एक-दो कक्षाओं में ही 24 प्रतिशत तक फीस बढ़ाई थी। बाकी में आठ से दस प्रतिशत वृद्धि की गई थी।
अब इस वृद्धि को एक समान करते हुए दस प्रतिशत कर दिया है। जो कि कक्षा यूकेजी से लेकर 12वीं तक के लिए लागू होगी। उन्होंने ये भी कहा कि इस बढ़े हुए शुल्क में स्कूल कई विदेशी भाषाएं भी पढ़ाएगा। एबीवीपी के महानगर मंत्री यशवंत पवार ने बताया कि फीस वृद्धि में कटौती छात्रों की बड़ी जीत है