देहरादून: उत्तराखंड में गाड़ियों की नंबर प्लेट को लेकर भाषा विभाग कुछ खास बदलाव चाहता है, जो इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसा इसलिए क्योंकि, भाषा विभाग की तरफ से गाड़ियों की नंबर प्लेट यूके की जगह उ.ख. किए जाने का प्रस्ताव पास किया गया है। हालांकि, इसके पीछे की वजह भाषा विभाग के मंत्री हिंदी को बढ़ावा देना बता रहे हैं।
गाड़ियों की नंबर प्लेट में यूके की जगह उ.ख. लिखने की कोशिश:
दरअसल, भाषा विभाग चाहता है कि उत्तराखंड में अब गाड़ियों की नंबर प्लेट यूके की जगह उ.ख. पंजीयन कोड के रूप में दिखाई दे। इसके लिए बकायदा भाषा विभाग में एक प्रस्ताव लाया गया, जिसे विभागीय मंत्री के स्तर पर अनुमोदन भी मिल चुका है। इस तरह भाषा विभाग ने परिवहन विभाग को प्रस्ताव पास कर इस बदलाव को लागू करने की सिफारिश की है।
बता दें कि वैसे तो इस मामले पर निर्णय परिवहन विभाग के स्तर से लिया जाता है। ऐसे में भाषा विभाग के प्रस्ताव पर विभागीय मंत्री के स्तर से किए गए अनुमोदन के बावजूद यह लागू हो पाएगा इसकी कोई गारंटी नहीं है। खास बात ये है कि अब विभिन्न गाड़ियों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (High Security) लगाई जाती है। जिसका पंजीयन कोड केंद्रीय स्तर पर रिकॉर्ड होता है। इसमें इसमें आसानी से बदलाव किया जाना संभव नहीं है।
इस मामले पर जब मीडिया ने सूबे के भाषा मंत्री सुबोध उनियाल से बात की। जिस पर उन्होंने ये बात कही
भाषा विभाग में इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया है। क्योंकि, यह काम परिवहन विभाग का होता है। भाषा विभाग ने केवल परिवहन विभाग को सुझाव दिया है कि वो नंबर प्लेट में ये बदलाव कर सकता है। इसके पीछे की वजह ये है कि भाषा विभाग, भाषा के संवर्धन पर काम करता है और इसी को देखते हुए परिवहन विभाग को यह सुझाव भेजा गया है।
– सुबोध उनियाल, भाषा मंत्री, उत्तराखंड –
भाषा विभाग की तरफ से तैयार किए गए इस प्रस्ताव को परिवहन विभाग को भेज दिया गया है। जिसमें ये स्पष्ट किया गया है कि जिस तरह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में गाड़ियों की नंबर प्लेट पर हिंदी शब्द का प्रयोग किया जाता है, उसी तरह उत्तराखंड में भी उ.ख. नंबर प्लेट पर लिखे जाने का फैसला किया जा सकता है।
इस दौरान ये भी कहा गया कि उत्तराखंड की गाड़ियों में यूके लिखे जाने का मतलब यूनाइटेड किंगडम भी लगाया जा सकता है। ऐसे में यदि हिंदी के शब्दों का प्रयोग किया जाए तो कहीं भी ये स्पष्ट हो जाएगा कि यह उत्तराखंड की ही गाड़ियां है।
इस मामले में आम लोगों को भी भाषा का यह निर्णय समझ में नहीं आ रहा है। हालांकि, कुछ लोग हिंदी को बढ़ावा देने के प्रयास को सही भी बता रहे हैं, लेकिन गाड़ियों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट में बदलाव को लेकर लिया गया यह निर्णय लोगों को सही नहीं लग रहा है।वो इस फैसले पर पुनर्विचार करने की भी बात कहते नजर आ रहे हैं।