उत्तराखंड के स्कूलों में इसी सत्र से बैगलेस डे लागू कर दिया जाएगा।
उत्तराखंड के सरकारी और निजी स्कूलों में अब महीने के एक दिन बच्चों को बैग लेकर स्कूल जाने की जरूरत नहीं होगी। शिक्षा विभाग ने इसके लिए एक नई व्यवस्था लागू की है। जिसके तहत बच्चों को अब एक दिन बिना बैग के स्कूल आना होगा। इस दिन स्कूल में शैक्षणिक कार्यों की जगह दूसरी गतिविधियां करवाई जाएंगी। इस दिन को बैगलेस डे के रूप में लागू किया जायेगा। साथ ही इस आदेश का पालन करवाने के लिए अफसरों को भी तैनाती दी गई है। राज्य के सरकारी और निजी स्कूलों में हर महीने के अंतिम शनिवार को इसे लागू करवाया जाएगा।
शिक्षा विभाग ने इसके लिए महीने का 1 दिन तय किया है। ऐसे में महीने के आखिरी शनिवार को पढ़ाई के बदले विभिन्न गतिविधियां स्कूलों में कराई जाएंगी और यह दिन बैगलेस डे रहेगा। इस दिन सभी बच्चे बिना स्कूली बस्ते के अपने-अपने स्कूल जाएंगे और पढ़ाई करने के बजाय दूसरी सृजनात्मक गतिविधियों को करेंगे।
बड़ी बात यह है कि शिक्षा विभाग ने इसके लिए एससीईआरटी के द्वारा गतिविधि पुस्तिका भी तैयार की है, जिसका विभागीय मंत्री द्वारा विमोचन भी किया गया है। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत इस व्यवस्था को राज्य भर के स्कूलों में लागू करवाया जा रहा है।
बता दें कि बिना बस्ते के स्कूल पहुंचने वाले छात्रों के लिए तीन तरह की गतिविधियां संचालित की जाएंगी। इसमें जैविक, मशीनी और मानवीय गतिविधियां शामिल रहेंगी। इसके लिए गतिविधि पुस्तिका तैयार की गई है, जो सभी शिक्षा बोर्ड सीबीएसई, आईसीएसई, भारतीय शिक्षा बोर्ड, संस्कृत शिक्षा और मदरसा बोर्ड में ई फॉर्मेट सहित उपलब्ध करा दी जाएगी।
राज्य में इस व्यवस्था को कड़ाई से लागू करने के लिए ब्लॉक स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी, जिला स्तर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी और राज्य स्तर पर महानिदेशक शिक्षा नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। सभी नोडल अधिकारियों को इस व्यवस्था का पालन करवाने के लिए औचक निरीक्षण करने के लिए भी कहा गया है।