देहरादून: जिलाधिकारी सविन बंसल ने ऋषिपर्णा सभागार में राजस्व एवं संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में सरकारी संपत्तियों को अतिक्रमण मुक्त कराने और विभागीय लैंड बैंक तैयार करने के संबंध में चर्चा कि गई।
बृहस्पतिवार देर शाम आयोजित बैठक में डीएम बंसल ने बैठक में मौजूद संबंधित विभागों को सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों की पहचान कर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने सरकारी सम्पत्तियों पर अतिक्रमणों के मामले पीपी एक्ट में सुनने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पीपीएक्ट के प्रकरण सरकारी भूमि पर नही बल्कि भवन पर लागू होता है। पीपीएक्ट का इस मामले में कोई भी बहाना स्वीकार नही किया जाएगा। डीएम ने सभी उपजिलाधिकारियों को पीपी एक्ट के 21 दिन में निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा की सरकारी सम्पत्तियों पर अतिक्रमणों के मामले में कोई भी पीपी एक्ट में मामला न दिखे। कोई भी विभाग पीपी एक्ट का हवाला डालते हुए अपनी जिम्मेदारियों से विमुख नही हो सकते हैं।
अतिक्रमण हटाने के लिए प्रभावी कार्य किए जाएं
डीएम ने सम्बंधित विभागों को सख्त निर्देश देते हुए कहा की अतिक्रमण पर प्रभावी कार्यवाही किया जाना जरूरी है। इसके लिए विभाग प्रभावी ढंग से कार्य किया जाना चाहिए। डीएम ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को उनके द्वारा चिन्हित किए गए अतिक्रमण को 15 जनवरी से पूर्व हटाने के भी निर्देश दिए।
डीएम ने बैठक में प्रतिभाग न करने पर एक्सियन एनएच एवं अधिशासी अधिकारी हरर्बटपुर का वेतन रोकने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने सभी विभागों से अपनी संपत्तियों पर अतिक्रमण की स्थिति पर की गई कार्यवाही की जानकारी प्राप्त करते हुए तुरंत नियमानुसार अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने सभी विभागों को अपनी-अपनी संपत्तियों से हटाए गए अतिक्रमण का विवरण ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए। तथा लैंड बैंक तैयार करने के लिए भूमि का सही और अद्यतन डेटा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने सभी सम्बंधित विभागों को समन्वय स्थापित करके अपनी कार्ययोजनाओं को समयबद्ध तरीके से लागू करने और भूमि विवादों के समाधान के लिए राजस्व और न्यायिक विभाग को तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकारी भूमि का संरक्षण प्रशासन की प्राथमिकता है और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस कार्य के लिए एक समयबद्ध योजना बनाई गई है, जिससे सरकारी संपत्तियों का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित हो सके। कब्जाधारियों को नोटिस देकर समय सीमा के भीतर भूमि खाली कराने के निर्देश दिए गए हैं।