उत्तराखंड में भी उत्तरप्रदेश की तर्ज पर कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित होटल ढाबों पर दुकानदारों के नाम लिखने को लेकर सियासी बाजार गर्म है। जिस पर लगातार राजनीति हो रही है। और विपक्ष ने इस पर असहमति जताते हुए प्रदेश सरकार पर आरोप लगाए हैं कि भाजपा सरकार धर्मो का बाजारीकरण कर राजनीति कर रही। आपको बता दें कि कांवड़ यात्रा पर नेम प्लेट लगाने के मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है।

कांवड़ यात्रा के मार्गों पर पड़ने वाली दुकानों व खाने के ठेलों पर मालिकों के नाम और मोबाइल नंबर (नेम प्लेट) लिखे जाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा ने यूपी और उत्तराखंड सरकार के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने यूपी और उत्तराखंड सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

सुप्रीम कोर्ट में महुआ मोइत्रा की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि तीर्थ यात्रियों के खान-पान संबंधी प्राथमिकताओं का सम्मान करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लक्ष्य के साथ जारी किया गया आदेश पूरी तरीके से मनमाना है। सरकार का ये आदेश संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए समाज के सबसे कमजोर और हाशिए पर पड़े वर्ग को निशाना बनाया जा रहा है।

इसका असर समाज वर्ग को कमजोर करेगा। साथ ही इसका असर मुस्लिमों की रोजी रोटी पर भी पड़ेगा।

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