निकाय चुनाव 2024: उत्तराखंड में आगामी नगर निकाय चुनाव 2011 की जनगणना के आधार पर कराए जाएंगे। शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि प्रवर समिति की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। 2018 की तरह 2024 के निकाय चुनाव भी 2011 की जनगणना के आंकड़ों पर ही आधारित होंगे।

बता दें कि गैरसैंण विधानसभा सत्र में नगर निकाय संशोधन विधेयक पेश किया गया था, जिसे प्रवर समिति को सौंप दिया गया। भाजपा विधायकों ने मांग की थी कि ओबीसी सर्वे के लिए ऐसे मानक बनाए जाएं, जिनसे राज्य के बाहर से आए लोगों को ओबीसी आरक्षण का लाभ न मिले। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में प्रवर समिति का गठन किया और अब तक तीन बैठकें हो चुकी हैं।

पहले उम्मीद थी कि समिति की रिपोर्ट के आधार पर नगर निकाय चुनाव कराए जाएंगे, लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि 2011 की जनगणना ही इस चुनाव का आधार बनेगी।

ओबीसी आरक्षण की सीमा इस चुनाव में 14 प्रतिशत रखी जाएगी। भाजपा विधायकों का कहना है कि राज्य में बाहरी लोगों की संख्या बढ़ने से ओबीसी की आबादी बढ़ी है, लेकिन इसका लाभ केवल राज्य के मूल निवासियों को ही मिलना चाहिए। इसी मुद्दे पर मानक तय करने के लिए प्रवर समिति का गठन हुआ। भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान के अनुसार, 2011 की जनगणना पर आधारित चुनाव होने से ओबीसी आरक्षण की सीमा 14 प्रतिशत से अधिक नहीं बढ़ेगी। भाजपा के वरिष्ठ नेता और ओबीसी आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक वर्मा ने भी इस बात की पुष्टि की कि ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत ही रहेगा, और चुनाव के अन्य मानक 2018 की तरह ही होंगे।

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