ओखलकांडा क्षेत्र में बुधवार को हुए पिकअप हादसे में 20 वर्षीय नीमा परगांई की मौके पर ही मौत से परिवार में कोहराम है। वहीं, नीमा के साथ इस पिकअप वाहन में सफर कर रहीं उसकी चचेरी बहनें चनी और प्रेमा इस हादसे के सदमे से अब तक उबर नहीं पाई हैं। बुधवार रात डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती चनी और प्रेमा ने बताया कि जहां हादसा हुआ, वहां सड़क टूटी हुई थी। बताया कि वाहन का पहिया सड़क से नीचे दलदल में फंस गया था। खतरा भांपते हुए तीनों बहनों ने चालक से उन्हें वाहन से उतारने के लिए एक बार नहीं, कई बार कहा। लेकिन चालक उन्हें उतारने की बजाय बैठे रहने पर जोर देता रहा। देखते ही देखते वाहन खाई में गिर गया।

चनी परगांई और प्रेमा परगांई ने बताया कि इस पिकअप वाहन में बिजली के खंभे और अन्य सामान लदा हुआ था। चालक के लिफ्ट देने पर तीनों बहनें इस वाहन में सवार हो गई थीं। दलदल में पहिया फंसने के बावजूद चालक वाहन निकल जाने की बात कहता रहा और देखते ही देखते वाहन खाई में जा गिरा। चनी और प्रेमा ने बताया कि वाहन गिरने पर वे दोनों ऊपर पहाड़ी पर ही अटक गईं, लेकिन नीमा गहरी खाई में जा गिरी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। अस्पताल में पहुंचे एमबीपीजी कॉलेज छात्रसंघ के पूर्व कोषाध्यक्ष दीपक मेवाड़ी और पंकज पांडे ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त हुआ वाहन ओवरलोड था। ऐसे में चालक ने तीनों बहनों के कहने के बावजूद वाहन से न उतारकर उनकी जान खतरे में डाल दी। छात्र नेता ने कहा कि इस खस्ताहाल सड़क को समय से सुधार दिया होता तो शायद यह हादसा होने से बच जाता। हादसे में घायल छह लोगों को इलाज के लिए एसटीएच में लाया गया है। यहां सभी की हालत खतरे से बाहर है। देर रात तक गांव के लोग घायलों का हाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचते रहे।

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