ठाकुरद्वारा क्षेत्र के टांडा अफजल की ग्राम प्रधान किरण देवी के इकलौते बेटे लवी कुमार (20) की मौत के डेढ़ घंटे बाद उनके पति योगेंद्र सिंह (48) ने भी दम तोड़ दिया। बेटे की तबीयत खराब होने पर योगेंद्र सिंह की सदमे में हालत बिगड़ गई थी।उन्हें भी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

शुक्रवार को एक ही चिता पर पिता-पुत्र के शवों का अंतिम संस्कार किया गया। टांडा अफजल की ग्राम प्रधान किरण देवी के बेटे लवी कुमार के फेफड़ों में इंफेक्शन हो गया था। उसका इलाज काशीपुर में चल रहा था। वहां से कुछ आराम होने पर परिजन उसे गांव ले आए थे।

दोबारा हालत बिगड़ने पर दिल्ली के यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया था। बेटे के बीमार होने से परेशान पिता की भी हालत बिगड़ गई। छह दिन पहले उन्हें उत्तराखंड के जसपुर में दिखाया, जहां सुधार न होने पर उन्हें भी काशीपुर में भर्ती कराया गया था।

शुक्रवार की सुबह इलाज के दौरान लवी कुमार की मौत हो गई। लवी की मौत से परिजनों में मातम छा गया। लवी का शव घर लाने के लिए परिजन रवाना हुए ही थे कि डेढ़ घंटे बाद काशीपुर के अस्पताल में भर्ती योगेंद्र ने भी दम तोड़ दिया। योगेंद्र की मौत की सूचना मिलते ही पूरा गांव प्रधान के घर पहुंच गया।

सुबह 11 बजे योगेंद्र का शव गांव लाया गया। उसके लगभग ढाई घंटे बाद लवी कुमार का शव भी परिजन दिल्ली से ले आए। गांव में दोनों के अंतिम दर्शन करने के लिए लोगों की भीड़ लग गई। दोपहर में ग्रामीणों ने प्रधान के खेत में एक ही चिता बनाकर दोनों के शवों का अंतिम संस्कार कर दिया।

घर में दो मौतों से कोहराम मच गया। प्रधान किरन देवी और उनकी पुत्री सोनम और हिमांशी का रो-रोकर बुरा हाल है। रोते-रोते हालत इतनी खराब हो गई कि वह बेहोश होकर गिर गईं। भाजपा नेता अजय प्रताप सिंह ने शोक संवेदना व्यक्त की। लवी प्रताप प्रधान का इकलौता पुत्र था।

वह बीएससी पास करने के बाद घर पर ही पिता के साथ खेती के कार्य में सहयोग करता था। योगेंद्र सिंह गांव में पत्नी के साथ ग्राम प्रधानी के कार्य में भी सहयोग करते थे। गांव में उनकी उनकी छवि सज्जन व्यक्तियों में थी। चर्चा है कि प्रधान के बेटे ने किसी जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया था, जिसकी वजह से तबीयत खराब हुई थी।

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