ख़बर ऋषिकेश से है जहां मिर्गी रोग के इलाज में अनाधिकृत दवाओं के उपयोग को लेकर केंद्र और राज्य के औषधि नियंत्रण विभाग की टीम ने बुधवार को ऋषिकेश में नीरज क्लीनिक में छापेमारी की। इस दौरान टीम ने भारी मात्रा में मिली दवाओं को सील कर दिया। चार दवाओं के सैंपल भी टीम ने लिए हैं। क्लीनिक का लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति भी टीम ने की है। बुधवार को हरिद्वार रोड स्थित नीरज क्लीनिक में छापेमारी के लिए औषधि नियंत्रण विभाग की टीम पहुंचते ही हड़कंप मच गया।
सूत्रों की मानें तो छापेमारी में टीम ने क्लीनिक को खंगाला तो पांच कट्टों में अनाधिकृत दवाएं मिलीं। दवाइयों से भरे इन कट्टों को कब्जे में लेकर उन्हें सील किया गया। शक के आधार पर चार दवाओं के सैंपल भी लिए गए। छापेमारी में टीम ने क्लीनिक के दस्तावेजों की जांच करते हुए कर्मचारियों से पूछताछ भी की। संदिग्ध गतिविधियों को लेकर क्लीनिक का लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति भी की गई। औषधि नियंत्रक मानवेंद्र सिंह राणा ने बताया कि वह दिल्ली से आई ड्रग कंट्रोलर की टीम का हिस्सा थे।
आयुष विभाग के अधिकारी भी छापेमारी में शामिल रहे। बताया कि महाराष्ट्र के एक शख्स ने क्लीनिक से मिर्गी के इलाज में दवाओं को लेकर शिकायत की थी, जिस पर यह छापेमारी की गई। बताया कि जांच में दवाओं के सैंपल में यदि खामियां मिलती हैं, तो क्लीनिक संचालक के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल क्लीनिक संचालक से स्पष्टीकरण मांगा गया है। टीम ने नीरज क्लीनिक में करीब आठ घंटे तक लंबी छापेमारी की।
लिफाफा बंद पैकेट को कराया गया खाली
औषधि नियंत्रण विभाग की टीम नीरज क्लीनिक में छापेमारी के लिए पहुंची, तो उन्हें कई लिफाफा बंद पैकेट मिले। इन पैकेटों को खाली कराने के बाद उनमें दवाओं की गोलियों को भी कब्जे में लिया गया। यही नहीं, आयुर्वेदिक दवाओं को लेकर आयुष विभाग भी इस बार छापेमारी में शामिल हुआ। आयुष विभाग के अधिकारी भी इस मामले में अलग से कार्रवाई कर सकते हैं। लिफाफों में बंद मिली गोलियों को भी छापेमारी के दौरान कब्जे में लिया गया है।