इस साल चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए उत्तराखंड सरकार ने व्यापक तैयारी की है। यात्रा मार्ग पर 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट (एमआरपी) और 31 स्वास्थ्य जांच केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जो ऊंचाई पर होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं की निगरानी करेंगे।
इसके अलावा, सरकार ने आपातकालीन सेवाओं को मजबूत करने के लिए 154 एंबुलेंस, हेलीकॉप्टर और टिहरी झील में बोट एंबुलेंस की तैनाती का निर्णय लिया है।
श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य निगरानी के लिए इस बार ई-स्वास्थ्य धाम पोर्टल को लॉन्च किया जा रहा है। जिससे यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य स्थिति पर नजर रखी जाएगी। यात्रा मार्ग पर अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को भी सुदृढ़ किया जा रहा है, जिससे तीर्थयात्रियों को आपातकालीन स्थिति में त्वरित उपचार मिल सके।
स्वास्थ्य सचिव ने क्या बोला?
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि इस साल केदारनाथ में 17 बेड और बदरीनाथ में 45 बेड का अस्पताल संचालित किया जाएगा। ये अस्पताल यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को बेहतरीन चिकित्सा सेवाएं प्रदान करेंगे।इसके अलावा, मार्ग पर 25 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी, ताकि किसी भी स्थिति में तीर्थयात्रियों को तत्काल चिकित्सा सहायता मिल सके।
देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और टिहरी जैसे ट्रांजिट जिलों में 37 स्थायी स्वास्थ्य केंद्रों को सुदृढ़ किया गया है। इसके अलावा, नई स्क्रीनिंग इकाइयों की स्थापना की योजना भी बनाई गई है, जिससे तीर्थ यात्रियों की यात्रा से पहले स्वास्थ्य जांच की जा सके। राज्य सरकार ने इस बार यात्रा मार्ग पर 154 एंबुलेंस तैनात करने का निर्णय लिया है, जिनमें 17 एडवांस लाइफ सपोर्ट (ALS) एंबुलेंस शामिल हैं। आपातकालीन स्थिति में गंभीर रूप से बीमार श्रद्धालुओं को त्वरित उपचार के लिए हेली एंबुलेंस भी तैनात रहेगी।
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर तैयारी पूरी
इसके अलावा, टिहरी झील में बोट एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे झील के आसपास यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को भी त्वरित स्वास्थ्य सेवा मिल सके। एम्स ऋषिकेश के माध्यम से हेलीकॉप्टर रेस्क्यू सेवा का संचालन किया जाएगा, जिससे गंभीर मरीजों को तत्काल बड़े अस्पतालों में रेफर किया जा सके। इस बार यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी के लिए ई-स्वास्थ्य धाम पोर्टल को सक्रिय किया जाएगा। श्रद्धालुओं को यात्रा से पहले पोर्टल पर अपनी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी अपडेट करनी होगी।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि इससे उच्च जोखिम वाले श्रद्धालुओं की पहचान की जा सकेगी। यात्रा मार्ग पर हेल्थ प्रोफाइल अपलोड करने की व्यवस्था की जाएगी, जिससे जरूरत पड़ने पर डॉक्टरों को मरीज की मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी मिल सकेगी और तत्काल सही इलाज किया जा सकेगा। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पिछले साल चारधाम यात्रा के दौरान 34,000 से अधिक मेडिकल आपातकालीन मामले सामने आए थे। इनमें से 1,011 मरीजों को एंबुलेंस द्वारा और 90 मरीजों को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया था।