कुमाऊं के छह जिलों के 65 थाना-कोतवाली में एक ही महिला थानेदार -85 से अधिक महिला दरोगा कुमाऊं के छह जिलों में तैनात

उत्तराखंड के कई जिलों की कमान महिला अफसरों के हाथ में है।

प्रदेश में सबसे बड़ी नौकरशाह भी एक महिला हैं। सरकार को महिलाओं के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है, लेकिन उत्तराखंड पुलिस को नहीं। यही वजह है कि महिला पुलिस कर्मियों को थाना-कोतवाली छोड़िए, चौकी संभालने का भी मौका नहीं दिया जा रहा। कुमाऊं में केवल पिथौरागढ़ के झूलाघाट थाने में महिला दरोगा थानाध्यक्ष हैं।

कुमाऊं के छह जिलों में 85 से अधिक महिला सब इंस्पेक्टर और 351 पुरुष सब इंस्पेक्टर हैं। इसके बावजूद कुमाऊं के 99% थानों की कमान पुरुष अफसरों के हाथों में है। नेपाल सीमा से सटे पिथौरागढ़ के झूलाघाट थाने की कमान इस समय महिला के पास है। जबकि कुमाऊं के छह जिलों पिथौरागढ़, चम्पावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल, और ऊधमसिंह नगर में कुल 65 थाना-कोतवाली हैं, जिनमें पुरुषों को तैनाती में वरीयता दी जाती है।

चौकियां तक महिला अफसरों को नसीब नहीं

थाने-कोतवाली की बात तो दूर, कुमाऊं के कई जिलों में महिला अफसर चौकी प्रभारी तक नहीं हैं। ऊधमसिंह नगर, नैनीताल और बागेश्वर में किसी भी चौकी की जिम्मेदारी महिला अफसरों को नहीं दी गई है। जबकि पिथौरागढ़, चम्पावत और अल्मोड़ा में गिने-चुने स्थानों पर उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि पुलिस विभाग में महिला अफसरों को थाने की जिम्मेदारी के लिए कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

क्यों नहीं मिलती थानों की जिम्मेदारी

पुलिस विभाग में महिलाओं को थानों की जिम्मेदारी बहुत कम सौंपी जाती है। पुलिस अफसरों का कहना है कि रात के समय होने वाली घटनाओं और पारिवारिक कारणों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया जाता है। हालांकि, यह तर्क जिलों में उच्च पदों पर कमान संभाल रहीं महिलाएं झुठला रहीं हैं।

50% महिलाएं दे रहीं हैं सेवाएं

कुमाऊं की बात करें तो यहां लगभग 50% महिलाएं प्रशासनिक, पुलिस और अन्य विभागों के उच्च पदों पर कार्यरत हैं। इनमें डीएम, एसपी, एसडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, शिक्षा, स्वास्थ्य, वन विभाग, ऊर्जा निगम, और जल संस्थान समेत महत्वपूर्ण विभागों में महिलाएं नेतृत्व कर रहीं हैं।

क्षमतावान अफसरों को हमेशा से पुलिस विभाग में नेतृत्व का मौका दिया जाता है। हालांकि, जिले को कप्तान चलाते हैं और प्रारंभिक नियुक्तियां उनके अधिकार क्षेत्र में होती हैं। महिलाएं पुलिस विभाग में महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दे रहीं हैं।

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