उत्तराखंड को जल्द थर्मल पावर के रूप में 1350 मेगावाट बिजली उपलब्ध होगी। कोयला मंत्रालय से उत्तराखंड को आवंटित हुए कोल ब्लॉक का इस्तेमाल बिजली पैदा किए जाने के लिए किया जाएगा।
इससे राज्य में बिजली की मांग और आपूर्ति के अंतर की काफी हद तक भरपाई हो सकेगी। योजना के तहत सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध कराने वाली कंपनियों से करार होगा।
उत्तराखंड ने बिजली संकट से निपटने को केंद्र सरकार से बिजली उपलब्ध कराने की मांग की थी। उत्तराखंड ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सके, इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोयला मंत्रालय से उत्तराखंड को भी कोल ब्लॉक आवंटित किए जाने की मांग की थी।
सीएम धामी की मांग पर केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को कोल ब्लॉक आवंटित किया। आवंटित कोल ब्लॉक से उत्तराखंड को थर्मल पॉवर के रूप में 1350 मेगावाट बिजली उपलब्ध होगी। सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि उत्तराखंड थर्मल पावर के जरिए जल्द पावर सरप्लस राज्य बनेगा।
सीएम पुष्कर सिंह धामी की सक्रियता से उत्तराखंड को कोल ब्लॉक आवंटित हो चुका है। अब निजी कंपनियों के साथ करार कर थर्मल पावर के जरिए उत्तराखंड को पावर सरप्लस राज्य बनाया जाएगा।
उत्तराखंड को 25 वर्षों से थर्मल पावर का इंतजार
उत्तराखंड को 25 साल से थर्मल पावर का इंतजार है। दिवंगत सीएम एनडी तिवारी ने सबसे पहले थर्मल पावर पर काम करते हुए उत्तराखंड को पावर सरप्लस राज्य बनाने का सपना देखा था। उसके बाद किसी सरकार ने थर्मल पावर पर फोकस नहीं किया। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय कोयला मंत्रालय से उत्तराखंड के लिए कोल ब्लॉक आवंटित कराया।
1400 मेगावाट हो रहा अभी उत्पादन
उत्तराखंड की मौजूदा बिजली मांग सामान्य दिनों में 2200 से 2400 मेगावाट रहती है। गर्मियों के पीक सीजन में यही मांग 2800 मेगावाट तक पहुंच जाती है। पिछले साल मांग 62 मिलियन यूनिट प्रतिदिन पहुंच गई थी। इस 62 एमयू बिजली पैदा करने को 2800 मेगावाट तक डिमांड पहुंची।
जबकि राज्य का अपना बिजली उत्पादन क्षमता 1400 मेगावाट के करीब है, लेकिन बिजली उत्पादन सामान्य दिनों में 600 मेगावाट और बरसात के समय पीक सीजन पर 1000 मेगावाट तक पहुंचता है। थर्मल पॉवर के रूप में 1350 मेगावाट बिजली मिलने से संकट कम होगा।
टीएचडीसी के बजाय कंपनियों से होगा करार
पहले उत्तराखंड सरकार टीएचडीसी के साथ मिल कर थर्मल पॉवर पर आगे बढ़ना चाह रही थी। इसके लिए टीएचडीसी के थर्मल पावर प्लांट में उत्तराखंड अपनी हिस्सेदारी रखता। केंद्र ने टीएचडीसी के साथ करार पर आपत्ति जताई। अब उत्तराखंड थर्मल पावर के अन्य प्लेयर्स के साथ करार कर आगे बढ़ेगा।