उत्तराखंड में गुलदार का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिसके बाद से लोगों की चिंता बढ़ गई है। बता दें कि गुलदार के डर से छात्रों ने स्कूल जाने छोड़ दिया है। इतना ही नहीं प्राइमरी स्कूल भी बंद किए गए हैं। वहीं दूसरी ओर वन विभाग की टीम गुलदार को पकड़ने के लिए तैयार है।बता दें कि बागेश्वर जिले के कांडा तहसील के कमस्यार घाटी में गुलदार की दहशत से तीन स्कूलों में छात्र नहीं पहुंचे।

वहीं इसमें एक जीआईसी और दो प्राथमिक विद्यालय शामिल हैं। तीनों स्कूलों में करीब 200 से अधिक बच्चे बढ़ते हैं। विद्यार्थियों के नहीं पहुंचने से स्कूल तथा केंद्रों में सन्नाटा पसरा रहा।

ग्रामीणों ने एक स्वर से कहा कि जब तक आमदखोर गुलदार मारा नहीं जाता, वह अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। उन्होंने वन विभाग से जल्द कार्रवाई की की मांग की है।

आपको मालूम हो कि पांच दिन पहले माणा कभड़ा गांव में गुलदार ने एक चार साल के मासूम को निवाला बना लिया था। इसके बाद शनिवार और रविवार को छुट्टी के चलते स्कूल बंद रहे। सोमवार को प्रावि देवल बिछराल, प्रावि करड़िया में एक भी बच्चा पढ़ने नहीं आया। यही हाल आंगनबाड़ी केंद्र माणा कभड़ा व करड़िया का रहा।

बता दें कि मंगलवार को राजकीय इंटर कॉलेज भेटा भी उपस्थिति शून्य रही। इस विद्यालय की छात्र संख्या 157 है। इसी तरह प्रावि देवल बिछराल में 26 छात्र पढ़ते हैं। राप्रावि करड़िया में 11 बच्चे पढ़ते हैं। माणा कभड़ा गांव में स्थापित आंगनबाड़ी केंद्र में 18 नौनिहाल आते थे। इसी तरह करड़िया केंद्र में आठ बच्चे आते थे, लेकिन गुलदार की दहशत के बाद तीन स्कूल व दो आंगनबाड़ी केंद्रों में सन्नाटा पसरा हुआ है।

वहीं अभिभावकों का कहना है कि जब तक गुलदार पकड़ा नहीं जाता, तब तक वह अपने बच्चों की जान जोखिम में नहीं डाल सकते हैं। उन्होंने बताया कि छह महीने पहले औलानी गांव में भी गुलदार ने दो साल की मासूम को निवाला बनाया था। इसके बावजूद क्षेत्र में गुलदारों की आवक बनी रही। ग्रामीणों ने कई बार विभाग से पिंजड़ा लगाने की मांग की, लेकिन विभाग ने उनकी समस्या को हल्के में लिया। यदि विभाग अलर्ट रहता तो माणा कभड़ा में घटना नहीं घटती।

कांडा में ट्रैंकुलाइजर एक्सर्ट टीम तैनात

बता दें कि कांडा तहसील के माणा कभड़ा गांव में गुलदार की दशहत बरकरार है। गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने गांव में डेरा डाला है। चार सदस्यीय ट्रैंकुलाइजन गन मशीन के साथ एक्सपर्ट भी दिन-रात गश्त कर रहे हैं, लेकिन अभी तक विभाग को सफलता नहीं मिली है। कहीं भी विभाग को गुलदार की आवक नहीं दिखी है।

मालूम हो कि माणा कभड़ा गांव में घटना के बाद से गांव में दहशत बनी है। ग्रामीणों का कहना है कि गुलदार आसपास के गांव में रात भी दहाड़ रहा है। इस कारण गांव के लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो गई है। वह खेतों में भी नहीं जा पा रहे हैं,

जबकि गुलदार को पकड़ने के लिए ट्रैंकुलाइजर एक्पर्ट डॉ. हिमांशु पांगती के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम दिन-रात गश्त कर रही है। तीन पिंजड़े लगाए गए हैं।

आठ ट्रैप कैमरे लगाए थे। तीन दिन तक गुलदार की आवक इसमें नहीं दिखी। बुधवार को विभाग ने कैमरों को दूसरी जगह शिफ्ट किया है। रात को मचान बनकार विभाग गुलदार पर नजर बनाए हुए है। चार दिन बाद भी विभाग को सफलता नहीं मिली है। इधर धरमघर रेंज के रेंजर प्रदीप कांडपाल ने बताया कि उनकी टीम दिन-रात गश्त कर रही है। ट्रैंकुलाइन एक्सपर्ट भी वहां मौजूद हैं। जल्द ही सफलता मिल जाएगी।

error: Content is protected !!