उत्तराखंड में निकाय चुनाव निपटते ही अब नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। माना जा रहा है कि मार्च माह के पहले हफ्ते में भाजपा को नया अध्यक्ष मिल सकता है। प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में दो विधायक समेत संगठन के कई दिग्गजों के नाम रेस में बताए जा रहे हैं।

इसके साथ ही एक धड़ा वर्तमान अध्यक्ष को ही रिपीट करने को लेकर जोर लगा रहा है। हालांकि भाजपा हाईकमान किसे मौका देता है, इसके लिए अभी इंतजार करना होगा। लेकिन ये तय है कि सभी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए गढ़वाल से बाह्रमण चेहरे को ही मौका मिलना तय है। वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट राज्यसभा के सदस्य भी हैं।

गढ़वाल,कुमांउ और ब्राह्रमण,क्षेत्रिय समीकरणों के हिसाब से सीएम धामी कुमांउ से क्षेत्रीय चेहरे हैं। ऐसे में गढ़वाल से ब्राह्रमण चेहरे को ही मौका मिलना तय है। हालांकि चर्चा इस बार दलित या ओबीसी चेहरे को लेकर भी है। जिसमें विधायक खजानदास का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। ब्राह्मण चेहरे के तौर पर पार्टी में पार्टी के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी, विधायक विनोद चमोली, ज्योति गैरोला जैसे नाम रेस में बताए जा रहे हैं।

भाजपा की सांगठनिक चुनाव प्रक्रिया निकाय चुनाव की वजह से स्थगित हो गई थी, जिसे पार्टी ने फिर से शुरू कर दी है। पार्टी रायशुमारी के बाद सर्वसम्मति से मंडल और जिलाध्यक्ष तय करेगी। यह प्रक्रिया 28 फरवरी तक पूरी हो जाएगी और इसके एक हफ्ते के भीतर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय कर सकती है।

20 फरवरी तक मंडल अध्यक्षों और 28 फरवरी तक जिलाध्यक्षों की घोषणा हो जाएगी। 70 विधानसभा क्षेत्रों के लिए तीन-तीन पर्यवेक्षक तय कर दिए हैं। पर्यवेक्षक 15 फरवरी से विधानसभा क्षेत्रों में जाकर मंडल अध्यक्ष पद के लिए स्थानीय वरिष्ठ और सक्रिय कार्यकर्ताओं से रायशुमारी कर तीन-तीन नामों का पैनल तैयार कर प्रदेश संगठन को सौंपेंगे। संगठन सर्वसम्मति के साथ मंडल अध्यक्षों की घोषणा करेगा।

इसी तरह वे 25 फरवरी तक जिलाध्यक्षों के लिए पैनल सौंपेंगे और 28 फरवरी तक उनकी घोषणा हो जाएगी। विस क्षेत्रों में जाने से पहले नौ फरवरी को देहरादून में एक कार्यशाला होगी। इस कार्यशाला में सभी पर्यवेक्षकों के अलावा सभी जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी व प्रदेश प्रभारी शामिल होंगे। मंडल और जिलाध्यक्षों की घोषणा के एक हफ्ते बाद प्रदेश अध्यक्ष तय हो जाएगा।

 

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